skip to main
|
skip to sidebar
आज़ाद ख्याल... एक सोच...
बुधवार, 18 नवंबर 2009
Subharambh!!
हम दीवानों की क्या हस्ती,
हैं आज यहाँ कल वहां चले....
मस्ती का आलम साथ चला,
हम धुल उड़ाते जहाँ चले....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
ब्लॉग आर्काइव
►
2010
(3)
►
जुलाई
(2)
►
अप्रैल
(1)
▼
2009
(1)
▼
नवंबर
(1)
Subharambh!!
मेरे बारे में
Manish Pandey
हम पंछी उन्मुक्त गगन के, पिंजर बद्ध न रह पाएंगे ... कनक तीलियों से टकराकर, पुलकित पंख टूट जायेंगे...
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
फ़ॉलोअर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें