बुधवार, 18 नवंबर 2009

Subharambh!!

हम दीवानों की क्या हस्ती,
हैं आज यहाँ कल वहां चले....
मस्ती का आलम साथ चला,
हम धुल उड़ाते जहाँ चले....

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